लोगों को उम्मीद थी की, आने वाले लोकसभा चुनावों से पहले मोदी सरकार, ऐसा बजट लेकर आएगी जो आपके सारे सपने पूरे कर देगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। और अधिकतर लोग उदास हैं। क्योंकि सैलरी पाने वाले लोगों के लिए बजट का मतलब होता है, टैक्स स्लेव में कमी। मेरी भी उम्मीद यही थी। नोटेबंदी और जीएसटी के बाद ट्रैक पर लौटती भारतीय अर्थव्यवस्था के लिहाज़ से ये एक अच्छा बजट है। बजट के सहारे सरकार ने एक बड़ी लकीर खींचने की कोशिश की है, जो आगे आने वाले सरकारों की दिशा धारा तय करेगी। मेरा अनुमान था बजट का मूल बिन्दु स्व उद्यमिता के इर्द गिर्द होगा और टैक्स में कटौती के साथ मुद्रा योजना के सहारे स्व उद्यमिता को बढ़ावा देने का प्रयास यह सरकार प्रभावी रूप से करेगी। बजट के देखे तो पाएंगे कि इस बजट के मूल में स्व-उद्यमिता ही है। जिसके सहारे सरकार स्व रोजगार सृजन की नई इबारत लिखने का प्रयास कर रही है।
किसानों से लेकर, उद्यमियों के लिए जो भी घोषणाएँ बजट में की गईं हैं, उनके मूल मे स्व उद्यमिता के सहारे स्व रोजगार ही है। बजट में किसानों और गरीबों के लिए जो भी नए प्रावधान किए गए हैं उस लक्ष्य को प्राप्त करना वर्तमान सरकार और आगे आने वाली सरकारों की ज़िम्मेदारी है। मसलन एक ही योजना 'आयुष्मान योजना' को लें। इस योजना में 10 करोड़ गरीब परिवारों को 5 लाख प्रतिवर्ष तक का इलाज़ के खर्चे की बात सरकार ने की है। अब इस के वर्तमान और भविष्यगत अर्थ समझें। नीति आयोग की मानें तो वर्तमान में योजना अभी शुरू होने में लगभग एक साल लग जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि योजना का असल प्रभाव आगामी चुनावों और उसके बाद आने वाले बजट में देखने को मिलेगा। बीजेपी के लिए स्वछता के बाद स्वास्थ्य सबसे बड़ा मुद्दा होने वाला है। क्या विपक्षी पार्टियां 5 लाख से ज्यादा का वादा कर पाएँगी। शायद नहीं। इसके अलावा लघु और माध्यम उद्योगों के लिए जो प्रावधान किए गए हैं, मेक इन इंडिया के लिहाज वो बहुत ही प्रभावशाली सिद्ध होंगे। असल में आगामी चुनावों के लिए विपक्ष के सारे मुद्दे बीजेपी ने इस बजट के सहारे छीनने के कोशिश की है या छीन लिए हैं। इसलिए कल बजट के बाद कोई भी विपक्षी प्रवक्ता प्रभावी ढंग से बजट को गलत नहीं बता पाया। शाम होते होते अर्थ शास्त्रियों ने कुछ एक चीजों को काउंटर करने कि कोशिश की, लेकिन वो भी बहुत कुछ नहीं कह पाये। इसलिए ये कहा जा सकता है की यह बजट राजनीतिक परिपक्वता और आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर बनाया गया है, इसमें कही गई बातें आगामी चुनावों में प्रभावी मुद्दा बनेगी।
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन खुशवंत सिंह और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
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