गुनगुनी धूप के साथ प्रकृति का कण कण झंकृत है। जैसे वीणा की धुन पर थिरक रही प्रकृति सुंदरी पीतवर्ण की चुनरी ओढ़े, रंग बिरंगी तितलियों के साथ दौड़ रही है और मानवीय चेतना में एक नई ताजगी का संचार कर रही है। कड़कड़ाती ठंड खुद को समेट रही है और लौट रही है वहाँ जहां से वो आई थी। आम के पेड़ों पर मंजरियों की उठती सुगंध और कोयल की कूक मन को तरंगित कर रही है। हर ओर मानो खुशियों का स्व संचार हो रहा है। पक्षियों की कलरव, पीली-पीली सरसों, पेड़ों का शृंगार करने उभरी हुई नई कोपलें सब-कुछ मन को उल्लासित कर रहा है। आज का वसंत कुछ ऐसा ही है, जो मानवीय मनों पर अनुदान और वरदान की बारिश कर रहा है। आशा की नई किरणें विश्वास के नव सूर्य के साथ, मन को नव उमंग देने को आतुर है। जो हम सबको रंगना चाहती पीताभ रंग में, जो प्रतीक है प्रेम का, उमंग का, उत्साह का, उल्लास का। ये ज्यों ज्यों गढ़ा होता जाएगा इससे उठाने लगेगी बलिदान और विजय की खुशबू। ये वसंत ही तो है जो देता है संदेश निरंतरता के साथ हर पर विजयगान करने का, परिवर्तन को स्वीकार करने का और आगे बढ़ाने का तब तक, जब तक तुम्हें तुम्हारा उच्चतर लक्ष्य प्राप्त न हो जाए। ये एक ऐसा राग है जिसकी सिद्धि गर हो जाए तो जीवन संगीतशास्त्र आनंद से भर उठता है। वसंत एक ऐसा राग है जिसे दिन-रात, सप्ताह, महीने, साल, किसी भी पहर में गाया बजाया जा सकता है।
वसंत ईश्वर की सर्वव्यापकता का प्रतीक है। भगवान कृष्ण गीता में कहते हैं की-वसंत ऋतुनाम कुसुमाकर: अर्थात ऋतुओं में, मैं कुसुमाकर अर्थात वसंत के रूप में हूँ। वसंत को काम अर्थात सौन्दर्य का पुत्र कहा जाता है, जो एक से एक मनोरम दृश्य रचता है। चाहें वह पतझड़ के बाद जीवन का संचार हो, हर और नव पुष्पों के सहारे खुशियों का संचार हो या फिर संचार हो ऊर्जा का। सब कुछ वसंत में संभव है। हेमंत के ठिठुरन से निकलकर प्रकृति की सुंदरता सर्वत्र मनोहारी चित्रावली प्रस्तुत कर रही है। इन सबके इतर वसंत ज्ञान की देवी माँ सरस्वती का प्रकट्य दिवस भी है। यह माना जाता है की मानव की उत्पत्ति से पहले सब मौन था, तब सृष्टा ने वाक का आविर्भाव किया, और जिस दिन यह सब घटित हुआ वह दिन था वसंत पंचमी का। जिसके सहारे प्रकृति के सभी जीवों को मधुर वाणी मिली। माँ सरस्वती इस वाणी की देवी हैं। प्रकट्येनसरस्वत्यावसंत पंचमी तिथौ। विद्या जयंती सा तेन लोके सर्वत्र कथ्यते॥ माँ सरस्वती के सहारे वाक का प्रकट्य हुआ इसलिए वो सृजन की निरंतरता की प्रेरणा देती हैं। माँ चतुर्भुज रूप में वीणा से आनंद, पुस्तक से ज्ञान और माला के सहारे वैराग्य का संचार करती हैं। माता सरस्वती का वाहन हंस हमें सिखाता है कि हम विवेकवान बनें। माँ सरस्वती एकात्मता का संदेश भी देती हैं, ऐसे मान्यता है की सरस्वती तीन देवियों लक्ष्मी, शक्ति और सरस्वती का सम्मलित स्वरूप है। अगर हम सरस्वती अर्थात् विद्या के वाहन बनाना चाहते हैं तो हमें अपने आचरण, अपने व्यवहार में मयूर जैसी सुंदरता लानी होगी। इस दिन उनकी पूर्ण मनोभाव से पूजा-अर्चना करनी चाहिए। हमें स्वयं और दूसरों के विकास की प्रेरणा लेनी चाहिए। इस दिन हमें अपने भविष्य की रणनीति माता सरस्वती के श्री चरणों में बैठकर निर्धारित कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त अपने दोष, दुर्गुणों का परित्याग कर अच्छे मार्ग का अनुगमन कर सकते हैं। जिस मार्ग पर चलकर हमें शांति और सुकून प्राप्त हो। मां सरस्वती हमें प्रेरणा देती हैं श्रेष्ठ मार्ग पर चलने की। इस दिन हम पीले वस्त्र धारण करते हैं, पीले अन्न खाते हैं, हल्दी से पूजन करते हैं। पीला रंग प्रतीक है समृद्धि का। इस कारण वसंत पंचमी हम सबको समृद्धि के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है।
सनातन धर्म की यह विशेषता है कि यहाँ लगभग हर रोज कोई न कोई त्यौहार होता है। शायद इसीलिए इसको संसार में उच्च स्थान प्राप्त है। वसंत पंचमी का पर्व भी इसी क्रम मे आता है। वास्तव में मानसिक उल्लास का और आंतरिक आह्लाद के भावों को व्यक्त करने वाला पर्व है। यह पर्व सौंदर्य विकास और मन की उमंगों में वृद्धि करने वाला माना जाता है। वसंत ऋतु में मनुष्य ही नहीं जड़ और चेतन प्रकृति भी श्रृंगार करती हैं। प्रकृति का हर परिवर्तन मनुष्य के जीवन में परिवर्तन अवश्य लाता है। इन परिवर्तनों को यदि समझ लिया जाए तो जीवन का पथ सहज और सुगम हो जाता है। वसंत के मर्म को समझें, वसंत वास्तव में आंतरिक उल्लास का पर्व है। वसंत से सीख लें और मन की जकड़न को दूर करते हुए, सुखी जीवन का आरंभ आज और अभी से करें। जिससे इस वसंत में मन वीणा का राग बज उठे।
इस लेख को आप अमर उजाला सलेक्ट में भी पढ़ सकते हैंhttp://epaper.amarujala.com/2018/01/22/cp/ac/06/06.pdf
Thanks
जवाब देंहटाएंबसंत पंचमी के आगमन और प्रेम के मनुहार का यह मौसम सुहावना होता है
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर आलेख
हार्दिक शुभकामनाएं
सादर
धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंExcellent line, publish your book with best
जवाब देंहटाएंHindi Book Publisher India